जो बहुत पुराना और कुछ यादों से जुड़ा हुआ था, जो बहुत पुराना और कुछ यादों से जुड़ा हुआ था,
जगाओ उसे तो होता है इतना कुछ उसके पास मानो दरिया यादों का बह रहा होता है। जगाओ उसे तो होता है इतना कुछ उसके पास मानो दरिया यादों का बह रहा होता है।
पर संदीप उसे यूँ थामे था जैसे किसी अज़ीज़ को दूर जाने से रोक सदा अपने ह्रदय में समा ले पर संदीप उसे यूँ थामे था जैसे किसी अज़ीज़ को दूर जाने से रोक सदा अपने ह्रदय में ...
आंसुओं को निकलने से रोकता हूँ, कहीं ये बददुआ न बन जाए तुम्हारी। दूर से राहें बदल लेता हूँ, कहीं फिर ... आंसुओं को निकलने से रोकता हूँ, कहीं ये बददुआ न बन जाए तुम्हारी। दूर से राहें बदल...
पर न जाने क्यो उसे न भेज पाई आज उसे पढ़ने पर फिर तुम्हारी याद आ गई पर न जाने क्यो उसे न भेज पाई आज उसे पढ़ने पर फिर तुम्हारी याद आ गई
मैं तो नहीं मिलता, मुझे तुम मिल जाती हो। मैं तो नहीं मिलता, मुझे तुम मिल जाती हो।